ए मेरे मन तू कभी न रोना ए मेंरे मन तू कभी उदास न होना ए मेंरे मन तू कभी न रोना ज़िन्दगी तो लेती है इम्तिहान कदम कदम पर डगर डगर पर छोड़ जाएंगे साथ तेरा तेरे ही अपने धोका देंगे तुझे तेरे ही सपने पर ए मेरे मन तू कभी न रोना ज़िन्दगी का तो काम ही है कदम कदम पर इम्तेहान लेना कोयले को तड़पा तड़पा कर हीरा बना देती है ये ज़िन्दगी तू तो वोह इंसान है जो हीरा को तराशकर ज़िन्दगी बना देता है तो घबराता है क्यों डरता है क्यों ज़िन्दगी की चुनौतिओ से भागता है तू दूर क्यों ए मेंरे मन तू कभी न रोना अगर लगे कभी तुझे अकेलापन तो मेरी और देख लेना फकर से सर ऊँचा करना और मेरा प्रकाश देख लेना अकेला हूँ में इस आस्मां में कोई नहीं मरा इस आकाश में पर आँखे चार मुझसे कोई कर नहीं सकता मेरी आँखों में आँखे मिलके कोई मुझसे ऑंखें चार कोई कर नहीं सकता ए मेंरे मन तू कभी उदास न होना ए मेंरे मन तू कभी न रोना
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Sunday, June 12, 2016
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