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Wednesday, July 23, 2014

Fwd: [ANAND DHAMM] Fw: [GURUVANNI] भावनायें

भावनायें

सृष्टि का आधार है गृहस्त आश्रम और सुखी गृहस्त का आधार है प्रेम एवं सहानुभुति ! घर परिवार में मनुष्य को प्रेम -सहानुभूती चाहिए !भावनायें संबंधों को मजबूत करने में बहुत काम आती हैं , बच्चे के जीवन में माँ बाप के वात्सल्य के बिना बहुत कुछ अविकसित रह जाता है !जहां प्रेम है वहां समर्पण भी है !शादी के समय वर कन्या एक दुसरे को हार पहनाते हैं , अगर उस हार के अन्दर का धागा टूट जाए तो फूल बिखर जाते हैं ! जैसे वह हार नहीं रहता ऐसे ही गृहस्त जीवन प्रेम के धागे से बंधा रहता है और प्रेम टूट गया तो परिवार बिखर गया !घर परिवार में प्रेम नहीं तो व्यक्ति कितना ज्ञानी ,कितना ध्यानी और कितना ही बली और बहादुर क्यों न हो मिट जायेगा !



Monday, July 21, 2014

Fwd: [ANANDDHAM.ORG] संघर्ष

] संघर्ष



भगवान क्रष्ण ने कहा कि जीवन एक संघर्ष है , चुनोती है ,परिक्षासथल है ,रणक्षेत्र है ,इसका सामना करना होगा ,परीक्षा देनी ही होगी , संघर्ष तब तक रहेगा जब तक सांस चलेगा , इसलिए , संगर्ष से भागना नहीं स्थिर होकर उसका सामना करना !


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Sunday, July 20, 2014

शुद्धि



शरीर की शुद्धि जल से होती है,

मन की शुद्धि सत्य से होती है,

आत्मा की शुद्धि विद्या और तप से होती है,

बुद्धि की शुद्धि ज्ञान से होती है।"

 

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

Saturday, July 19, 2014

गुप्त खजाना

सब कुछ खो जाए, तो उसकी परवाह मत करना, लेकिन आपका गुप्त खजाना साहस खो जाए तो सचमुच चिन्ता की बात है;

इसे अवश्य सँभाल लीजिए और कंगाली से बचे रहिए।

vinamrta