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Thursday, April 14, 2016

शान्ति के समान



  • शान्ति के समान कोई तप नहीं हे ! 
  • संतोष से बढ्कर कोई सुख नहीं हे ! 
  • तृष्णा से बढकर कोई व्याधि नहीं हे !
  • दया के समान कोई धर्म नहीं हे ! 
  • सत्य जीवन हे और असत्य मृत्यु हे ! 
  • घृणा करनी हे तो अपने दोषों से करो !
  • लोभ करना हे तो प्रभू के स्मरण का करो ! 
  • बैर करना हे तो अपने दुराचारों से करो !
  • दूर रहना हे तो बुरे संग से रहो ! 
  • मोह करना हो तो परमात्मा से करो ! 

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