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Ramesh Kumar Mishra Mishra | सदगुणों की सुवास से जब व्यक्ति का जीवन महकता है तो................. उस व्यक्ति का जीवन,व्यक्ति का परिवार साक्षात् .................. शिव का आवास बन जाता है.. वह मंदिरों में है या गुफा में, मंत्र में है या प्रार्थना में, गरीब की झोंपड़ी में है या महलों की सुन्दर स्वर्ण--मूर्ति में... मधुर तान में या गूंगे के इशारे में.. शिशु की भोली मुस्कान में या पुजारी के घंटे,, घड़ियाल में.. वह दूर से दूर है या पास से भी पास वह आसान से भी आसान है या कठिन से भी कठिन,, क्या उत्तर दोगे?? तुम्हारी जिज्ञासा में है,अभिलाषा में है,जिजीविषा में है या आकांक्षा में,,, कुछ क्षणों तक सोचिए,,सोचते रहिए और वह मिलेगा....."आचार्य सुधांशु" |
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