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Thursday, May 24, 2012

Fwd: [भक्ति ज्ञान धारा] सदगुणों की सुवास से जब व्यक्ति का जीवन महकता है...



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From: Ramesh Kumar Mishra Mishra


सदगुणों की सुवास से जब व्यक्ति का जीवन महकता...
Ramesh Kumar Mishra Mishra
सदगुणों की सुवास से जब व्यक्ति का जीवन महकता है तो................. उस व्यक्ति का जीवन,व्यक्ति का परिवार साक्षात् .................. शिव का आवास बन जाता है.. वह मंदिरों में है या गुफा में, मंत्र में है या प्रार्थना में, गरीब की झोंपड़ी में है या महलों की सुन्दर स्वर्ण--मूर्ति में... मधुर तान में या गूंगे के इशारे में.. शिशु की भोली मुस्कान में या पुजारी के घंटे,, घड़ियाल में.. वह दूर से दूर है या पास से भी पास वह आसान से भी आसान है या कठिन से भी कठिन,, क्या उत्तर दोगे?? तुम्हारी जिज्ञासा में है,अभिलाषा में है,जिजीविषा में है या आकांक्षा में,,, कुछ क्षणों तक सोचिए,,सोचते रहिए और वह मिलेगा....."आचार्य सुधांशु"


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