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Sunday, February 9, 2014

words of wisdom


some people will


opens your mand


गुरुवाणी।।

Fwd: [AMRIT VANI ] upyogi baten

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Saturday, February 8, 2014

Fwd: [AMRIT VANI ] वहीं से यात्रा शुरु

 वहीं से यात्रा शुरु




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ummid aise ho



seemaa sonawane

jeevan main

Fwd: [Anmol vachan] अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने



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Ramesh Kumar Mishra
अपनी भारत की संस्कृति को पहचाने
ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये
यही है हमारी संस्कृति की पहेचान

( ०१ ) दो पक्ष-
कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष !

( ०२ ) तीन ऋण -
देव ऋण , पितृ ऋण , ऋषि ऋण !

( ०३ ) चार युग -
सतयुग , त्रेतायुग ,द्वापरयुग , कलियुग !

( ०४ ) चार धाम -
द्वारिका , बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पूरी , रामेश्वरम धाम !

( ०५ ) चारपीठ -
शारदा पीठ ( द्वारिका )
, ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ) , गोवर्धन पीठ
( जगन्नाथपुरी ) , श्रन्गेरिपीठ !

( ०६ ) चार वेद-
ऋग्वेद , अथर्वेद , यजुर्वेद , सामवेद !

( ०७ ) चार आश्रम -
ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास !

( ०८ ) चार अंतःकरण -
मन , बुद्धि , चित्त , अहंकार !

( ०९ ) पञ्च गव्य -
गाय का घी , दूध , दही ,गोमूत्र , गोबर !

( १० ) पञ्च देव -
गणेश , विष्णु , शिव , देवी ,सूर्य !

( ११ ) पंच तत्त्व -
पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु , आकाश !

( १२ ) छह दर्शन -
वैशेषिक , न्याय , सांख्य ,योग , पूर्व मिसांसा , दक्षिण मिसांसा !

( १३ ) सप्त ऋषि -
विश्वामित्र , जमदाग्नि ,भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप !

( १४ ) सप्त पूरी -अयोध्यापूरी ,मथुरा पूरी , माया पूरी ( हरिद्वार ) , काशी ,
कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पूरी !

( १५ ) आठ योग -
यम , नियम , आसन ,प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधी !

( १६ ) आठ लक्ष्मी -
आग्घ , विद्या , सौभाग्य ,अमृत , काम , सत्य , भोग एवं योग लक्ष्मी !

( १७ ) नव दुर्गा --
शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी ,चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायिनी ,कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !

( १८ ) दस दिशाएं -
पूर्व , पश्चिम , उत्तर , दक्षिण , इशान , नेऋत्य , वायव्य , अग्नि , आकाश एवं पाताल !

( १९ ) मुख्य ११ अवतार -
मत्स्य , कच्छप , वराह ,नरसिंह , वामन , परशुराम ,श्री राम , कृष्ण , बलराम , बुद्ध , एवं कल्कि !

( २० ) बारह मास -
चेत्र , वैशाख , ज्येष्ठ , अषाढ , श्रावण , भाद्रपद , अश्विन , कार्तिक ,मार्गशीर्ष , पौष , माघ , फागुन !

( २१ ) बारह राशी -
मेष , वृषभ , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला , वृश्चिक , धनु , मकर , कुंभ , कन्या !

( २२ ) बारह ज्योतिर्लिंग -
सोमनाथ , मल्लिकार्जुन ,महाकाल , ओमकारेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम ,विश्वनाथ , त्र्यंबकेश्वर , केदारनाथ , घुष्नेश्वर ,भीमाशंकर ,नागेश्वर !

( २३ ) पंद्रह तिथियाँ -
प्रतिपदा ,द्वितीय , तृतीय ,
चतुर्थी , पंचमी , षष्ठी , सप्तमी , अष्टमी , नवमी ,दशमी , एकादशी , द्वादशी , त्रयोदशी , चतुर्दशी , पूर्णिमा , अमावष्या !

( २४ ) स्मृतियां -
मनु , विष्णु , अत्री , हारीत ,
याज्ञवल्क्य , उशना , अंगीरा , यम , आपस्तम्ब , सर्वत ,कात्यायन , ब्रहस्पति , पराशर , व्यास , शांख्य ,
लिखित , दक्ष , शातातप , वशिष्ठ !


आओ सभी भारतीय भाई बहन मिलके नया स्वच्छ भारत बनाये
ॐ शाति ।।
जय हिन्दी ।। जय संस्कृत ।।
जय भारत ।। वंदे मातरम् ।।



Sunday, February 2, 2014

हर किसी के आगे

हर किसी के  आगे मत गिड़गिड़ाओ ,अपना काम खुद करो ,अपने अंदर दोष मत निकालो ,वीर बनो ,गिड़गिड़ाओ तो भगवान् के आगे 
गिड़गिड़ाओ

Fwd: [AMRIT VANI ] भगवान् के


Subject:] भगवान् के




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 2/02/2014 09:44:00 AM

Saturday, February 1, 2014

जब कोई अच्छी

जब कोई अच्छी राह  पर ,भगवान् कीराह  पर जाने लगे तो उसको शाबाशी दो उसकी हिम्मत बढ़ाओ। 

Fwd: [AMRIT VANI ] समझदार बन जाओ





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